सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
हम अमर जवान ज्योति का चिराग़ हैं, गर्व की अनुभूति के लिए प्रमाण नहीं चाहिए!
देश के जांबाज़ों की यादों की अमर ज्योति हमारे दिल-ओ-दिमाग़ों में रोशन थी, रौशन हैं और रोशन रहेगी. क्यों न रहे, हमारा वजूद ही इनसें है. क्योंकि हम इस ज्योति के चिराग हैं. साइंस, सहाफत और सेना.. का गौरवशाली इतिहास हमारी खानदानी विरासत से जगमगाया है. हमें गर्व की अनुभूति के लिए प्रमाण नहीं चाहिए.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
Subhash Chandra Bose Birthday : नेताजी सुभाष होते तो रूकवा देते देश का दुर्भाग्यपूर्ण बंटवारा!
Subhash Chandra Bose Birthday: क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1947 में जीवित होते तो पाकिस्तान का सपना कभी भी हकीकत में बदलता? क्या वे मोहम्मद अली जिन्ना को समझा पाते कि भारत के बंटवारे से किसी को कुछ लाभ नहीं होगा? आज यानी 23 जनवरी को उनका जन्मदिन है ऐसे में ये सवाल अपने आप में महत्वपूर्ण हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
Kangana Ranaut ने एक्टर विक्रम गोखले की बात को अंजाम तक पहुंचा ही दिया!
पद्मश्री पुरस्कार विजेता एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने फिल्म प्रोजेक्ट्स से इतर इन दिनों 'इतिहासकार' की भूमिका निभा रही हैं. 1947 में मिली आजादी को 'भीख' में मिला बताने वाली कंगना रनौत ने अब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के अहिंसा के मंत्र को कठघरे में खड़ा कर भगत सिंह का समर्थन नहीं करने का आरोप भी लगा दिया है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
गांधी भले राजनीति के शिकार बनें, लेकिन जनांदोलनों में उनके प्रयोग आज भी असरदार हैं
जनांदोलनों की कमजोरी हिंसा ही रही है, अन्ना हजारे (Anna Hazare) को मनाने के लिए दिल्ली से केंद्रीय मंत्री का रालेगण सिद्धि पहुंचना सबूत है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तरह अहिंसा (Non Violence) पर जोर ने ही किसान आंदोलन की वापसी करायी है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
बंगाल में 'बोस' की विरासत पर बीजेपी की सियासत से क्यों बौखलाई ममता बनर्जी!
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) के नाम पर बंगाल की चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में लगे जेपी नड्डा की बड़ी परीक्षा होने वाली है. नाम के विरासत की सियासत के बीच हो रहे राजनीतिक जंग में टीएमसी अपने गढ़ में बीजेपी को कोई मौका नहीं देना चाहती.
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Subhas Chandra Bose: इन फिल्मों और वेब सीरीज को देख लीजिए, नेताजी का रहस्य सुलझ जाएगा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमयी जिंदगी लोगों के बीच हमेशा कौतूहल पैदा करती रही है. यही वजह है कि फिल्म मेकर जब भी किसी राष्ट्रवादी फिल्म की योजना बनाते हैं, तो उनके जहन में सबसे पहला नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस का ही आता है. उनका जीवन चरित्र ही ऐसा है.
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Tashkent Files: लाल बहादुर शास्त्री की मौत का कारण पता चला तो माथा पीट लिया
विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द ताशकंद फाइल्स सिनेमाघरों में आ चुकी है और लगातार चर्चा में है. जब बात फिल्म की हो तो उसमें सच-झूठ नहीं देखा जाता. वहां मुद्दा मनोरंजन रहता है. हमें फिल्म को बस मनोरंजन के एक माध्यम की तरह लेना चाहिए.
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